नमन करें
विश्व के इस भाल को,
उदग्र इस त्रिकाल को,
विश्व गुरु के मान को,
नमन करें नमन करें।
वेद की ऋचा जहाँ,
सहस्त्र तान छेड़ती,
विश्व के कल्याण की,
है कोटि यज्ञ देखती।
नमन करें नमन करें…
धर्म के विधान को,
बुद्ध सम्यक ज्ञान को,
महावीर मार्ग को,
नानक गुरु के ज्ञान को।
नमन करें नमन करें…
शून्य के प्रताप को,
आर्यभट्ट के ज्ञान को,
सुश्रुत चरक सम्मान को,
देश के विधान को।
नमन करें नमन करें…
नारी शक्ति की जहाँ,
सम्मान नित असंख्य हैं,
विजय सर्वत्र है जहाँ,
आनंद ही आनन्द है।
नमन करें नमन करें..
अशोक उस महान को,
नालंदा के ज्ञान को,
विक्रमशिला सम्मान को,
विवेकानंद मान को।
नमन करें नमन करें…
रामेश्वरम धाम को,
सोमनाथ प्राण को,
विश्वनाथ के प्रताप को,
श्रीनाथ बद्री धाम को।
नमन करें नमन करें..
कृष्ण राम प्राण को,
मथुरा अयोध्या धाम को,
सर्बधर्म सम्मान को,
नमन करें नमन करें।
जय कहें किसान को,
जय बहुत विज्ञान को,
जय जय कहें जवान को,
जय कोटि कोटि प्राण को।
नमन करें नमन करें..
माँ भारती सपूत को,
धैर्य शक्ति दूत को,
गलवान के बलवान को,
तिरंगे के निशान को।
नमन करें नमन करें..
जीत प्रखर शान को,
जयघोष जय निनाद को,
जन गण के स्वाभिमान को,
माँ भारती यश गान को।
नमन करें नमन करें..
स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
मध्य विद्यालय शरीफगंज
कटिहार, बिहार