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पंछी-अशोक कुमार

पंछी

कौआ मामा बैठ छतों पर,
कांव-कांव कर रहे।
बच्चे पूछते हे मामा,
अतिथि मेरे घर आ रहें।।

कोयल बैठी ऊंची डाल पर,
कू कू कू कू कर रही।
उनकी कूक सबको प्यारी,
वर्षा का संकेत बता रही।।

मुर्गा बैठ छप्पर पर,
अपना बांग दे रहा।
कू कू हूं कू करें वह जब,
भोर का समय हो तब।।

कबूतर बैठ अपने घोंसले में,
गुटूर गू गुटूर गू कर रहा।
घरों में सुन्दर घोंसला बनाकर,
सबके मन को भा रहा।।

मिट्ठू बोले मीठी बानी,
बच्चों से करे मनमानी।
फलों को कुतर-कुतरकर,
मीठे फल बच्चों को खिलाता।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

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