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पंछी-लवली वर्मा

 

पंछी

पंछी होते अत्यंत सुंदर,
रंग-बिरंगे और मनमोहक।
सम्मोहित करते सदैव हमें,
इनके सारे संदर्भ रोचक।।

रंग-बिरंगे इनके पंख,
कर देते हैं सबको दंग।
ये होते हैं बहुत निराले,
लगते सबको प्यारे-प्यारे।।

न हीं इनका धर्म है, न हीं कोई जाति,
न मन में कोई द्वेष है, केवल प्रिय है आज़ादी।
भारतीय संस्कृति में महत्ता है इनकी महान,
देवताओं के वाहन रूप में मिलते इन्हें सम्मान।।

आकाश में उड़ता इन्हें देखकर,
मन हो जाता है प्रफुल्लित।
प्रकृति के ये सुंदर प्राणी,
हमें करते हैं आकर्षित।।

पंछी प्रकृति का वरदान है,
हमें करना इनका सम्मान है।
संरक्षण हमारा कर्तव्य है,
बनाना प्रकृति को भव्य है।।

पंछियों की उड़ान से हमने सीखा,
हौसलों को कायम रखना।
थक कर रुकना नहीं हमें,
निरंतर आगे बढ़ते रहना।।

लवली वर्मा
प्राथमिक विद्यालय छोटकी रटनी
हसनगंज, कटिहार

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