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पथिक-दिलीप कुमार गुप्त

Dilip gupta

पथिक

कंटक निर्जन राह से बचकर
निष्कंटक मार्ग चलना होगा
असत्य की भीड़ से पृथक
सत्य संबल अपनाना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

अपेक्षाओं से दूर निकल कर
वर्जनाओं से बचना होगा
मानापमान से हो पृथक
भाव तटस्थता उर लाना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

सुख-दुख तटिनी तीर जानकर
सुमध्य अनवरत बहना होगा
संचित तलछट से हो पृथक
अदोष सिंधु गहना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

संघर्ष द्वन्द्व दर्द त्याग कर
सम्यक कर्म करना होगा
मनोविकार से हो पृथक
मानव धर्म अपनाना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

प्रभु की रचना का चिंतन कर
आर्ष वचन निभाना होगा
मोहपाश से हो पृथक
सब में उन्हीं को देखना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

मायापति की माया जानकर
निज कृत्य कर्म भोगना होगा
कर्म फलाशा से हो पृथक
क्रियमाण से बचना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

मन मंदराचल को मथकर
सार असार तय करना होगा
विषयों के विष से हो पृथक
सत्य सुधा पीना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

श्रेष्ठतम की संगत नित कर
सदग्रंथों को गढना होगा
गहन अविद्या से हो पृथक
ज्ञान ध्यान मे लय होना होगा।
पथिक! जीवन पथ सुगम होगा।

दिलीप कुमार गुप्त
मध्य विद्यालय कुआड़ी अररिया

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