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पिता-सुरेश कुमार गौरव

 पिता 

पिता अपनी घरौंदे का पूरी आस और विश्वास है
सबका भरसक दूर करता निराश और अविश्वास है।
खुद दुःख सहता जीवन और संतान का दुखहर्ता हैं
परिवार के सभी समस्याओं के सुदृढ़ हल कर्ता है।

मां ममता की मूरत तो पिता विकास की उड़ान है
खुद करते सबकी पूर्ति, हरदम दूर करते ढ़लान है।
संघर्ष और खून-पसीने की जीती-जागती मिसाल है
इनका जीवन दाता कर्ता रुप भी बहुत बेमिसाल है।
पिता जिम्मेदारियों का बोझ ढोने वाला महासारथी है
सभी प्रश्न परेशानियों को दूर करने वाला महारथी है।
दाता, संस्कार, अनुशासन और चरित्र निर्माण का नाम है
नाम सार्थक कर घर-संसार के लिए करते सदा काम हैं।
बचपन को खुश रखता और जवानी को ढंग देता है
घर-गृहस्थ जीवन को सुव्यवस्थित जीवन ऱंग देता है।
परिवार में सबको देते एक नजर, पिता अर्थक रुप है
न्याय कर्ता और रिश्ते की बुनियाद का सार्थक रुप है।
पिता अपनी घरौंदे का पूरी आस और विश्वास है
सबका भरसक दूर करता निराश और अविश्वास है।
खुद दुःख सहता, जीवन और संतान का दुखहर्ता है
परिवार के सभी समस्याओं के सुदृढ़ हल कर्ता हैं।

मेरी स्वरचित मौलिक रचना
सुरेश कुमार गौरव ✍️
@सर्वाधिकार सुरक्षित

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