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प्रेम-प्रियंका कुमारी

प्रेम

नफरत को मिटा दे,
दुश्मनी को भी भूला दे,
बदले की आग को दिल से बुझा दे,
यह शक्ति किसी में नहीं,
जो प्रेम करके दिखला दे।।

बेजुबानों को बस में करा दे,
एक दूसरे को दिल से

दिल की बात समझा दे,
वक्त पड़े तो मर कर भी दिखा दे,
यह शक्ति किसी में नहीं ,
जो प्रेम करके दिखला दे।।

रोते को हँसना सिखा दे,
अमीरी-गरीबी के बीच की

दीवार को गिरा दे,
रूठे को मना दे,
बड़ी से बड़ी मुश्किलों को सुलझा दे,
यह शक्ति किसी में नहीं,
जो प्रेम करके दिखला दे।।

श्याम की बांसुरी की धुन पर
गोकुल की गोपियों को नचा दे ,
सुदामा जैसे दोस्त को
कृष्ण के गले से लगा दे ,
यह शक्ति किसी में नहीं,
जो प्रेम करके दिखला दे।।

✍️✍️ प्रियंका कुमारी ✍️✍️
 प्राथमिक विद्यालय रहिया टोल
 बायसी पूर्णिया ( बिहार)

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