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राम विवाह..रामकिशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

Ram Kishore Pathak

राम विवाह – सरसी छंद गीत

संग सभी भ्राता भी उनके, परिणय को तैयार।
सिया वरण करने को आयें, सजे-धजे सुकुमार।।

अगहन शुक्ल पंचमी आयी, होता राम विवाह।
झूम रहे हैं सब नर-नारी, खुशियाँ मिली अथाह।।
जगमग-जगमग मिथिला नगरी, सजा हुआ घर द्वार।
सिया वरण करने को आयें, सजे-धजे सुकुमार।।०१।।

श्यामल मनहर रूप सलोना, चित को हरते राम।
दृष्टि पड़ी ज्यों ही उनपर तो, भूल गए सब काम।।
अवध बिहारी को देख रहे, लगकर सभी कतार।
सिया वरण करने को आयें, सजे-धजे सुकुमार।।०२।।

देवलोक से सुर सब आयें, लेकर नव-नव रूप।
वर्णन कोई क्या कर पाए, छवि लख दिव्य अनूप।।
सिया संग में बंध रहे हैं, ले परिणय संस्कार।
सिया वरण करने को आयें, सजे-धजे सुकुमार।।०३।।


गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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