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सबसे खुश कौन- गिरीन्द्र मोहन झा

सबसे खुश कौन?

जिसकी अपनी दिनचर्या पर हो पूरा अधिकार,
जो खुद में हो संतुष्ट, खुद में ही रमण करे,
जिसे अपने पेशे और परिवार से हो बेहद प्यार,
छोटे से कार्यों में भी जो देखे उपलब्धि अपार,
जो करे शुभ और श्रेष्ठ चिंतन, रचनात्मक कार्य,
सबसे खुशी वही है, जिसका हो श्रेष्ठ कर्म,सद्विचार।

रह क्या जाता यहां?

जब तुम्हारी प्रतिभा से तृप्त होता संसार,
प्रगति, सेवा, त्याग, कर्त्तव्यनिष्ठा, परोपकार,
रह क्या जाता है यहां इस जग में तुम्हारा,
व्यक्तित्व, उत्तम कृत्य, सद्विचार संग
सद्व्यवहार।

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