Site icon पद्यपंकज

सच्चा मित्र-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

सच्चा मित्र

कौन है वो सच्चा मित्र
इसे आज मैं सबको बताऊँ।
अपने अन्तर्मन के भाव को
सच्चे मन से खूब सजाऊँ।।
सच्चा मित्र है वो जो
एक दूजे का साथ निभाए।
कंटकाकीर्ण राहों से जो
कदम पड़ने से दूर हटाए।।
सच्चा मित्र है वो जो
आतप मन नित सरसाए।
तप्त हिय में स्नेह सुधा का
करूण रस खूब बरसाए।।
सच्चा मित्र है वो जो
स्व वाणी को विनम्र बनाए।
औरों में भी मधुर वाणी का
सुखद नया अहसास कराए।।
सच्चा मित्र है वो जो
सुदामा सा दीन ब्रह्मज्ञानी
पाकर नंगे पाँव दौड़े आकर
अश्रु प्रेम के घट छलकाए।।

देव कांत मिश्र 

मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज भागलपुर, बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version