सत्य अहिंसा के पुजारी
2 अक्टूबर 1869 के पोरबन्दर में जन्मा एक धीर,
पुतलीबाई, करमचंद गांधी के कोख में जन्मा एक वीर।
1914 में दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह चलाकर,
भारतीय समुदाय के लोगों को नागरिक अधिकार दिलाए।
1921 मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभाल कर,
अस्पृश्यता, स्वराज्य की प्राप्ति वाला कार्यक्रम चलाए।
1930 में नमक सत्याग्रह व 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन चलाकर,
गुलामी की दासता से मुक्ति दिलाए।
बापू ने सभी परिस्थितियों में सत्य अहिंसा अपनाकर,
भारत को धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता वाला राष्ट्र बनाए।
स्वयं चरखे के सूत काटकर, अपने हाथों से कपड़े बनाए,
धोती, कुर्ता, साल पहनकर सादगी का परिचय दिलाए।
सदा शाकाहारी भोजन खाकर,
आत्म शुद्धि के लिए लंबे लंबे उपवास किए।
आप के पद चिन्हों पर चलता पूरा है संसार,
बापूजी मरकर भी अमर है, सत्य अहिंसा सादगी और व्यवहार।
अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर