सावन 2020
सावन में जब बादल छाये।
गीत खुशी से हमने गाये।।
सावन आया, सावन आया।
बादल छाया, बादल छाया।।
रिम झिम-रिम झिम बरसे पानी।
झिम झिम-झिम झिम बरसे पानी।।
गर्मी पड़ी तो मन उकसाया।
वर्षा हुई तो मन हर्षया।।
वर्षा की बुंदे पड़े धरती पर।
जल है साफ नहालो जी भर।।
सावन में थोड़ी मस्ती कर लो।
पेड़ पौधा और फूलों से दोस्ती कर लो।।
सावन का लगा है सुन्दरझूला
और खिलौनों का ठेला।
किन्तु लगी न लोगों का मेला।।
प्रकृति ने दिया यही शूला।
कान्हा से कोई न मिला न जुला।।
हर घर मे हो रही पूजा।
एक से मिले न कोई दूजा।।
सावन के दिन भी क्या दिन आया।
हर लोगों ने मास्क लगाया।।
लगते है ये नहीं है सावन के दिन।
काँवरिया दुःखी है बाबा से मिले विन।
सावन आया सावन आया।
कोयल के कुहके बिन बगिया है सूनी।
जलाशय में मेढ़क की भी आवाज भी हो गई सूनी।
कोरोना ने सब लोगों में डर है बुनी।
घर में रहना, सुरक्षित रहना है सबसे सुनी।
सावन के दिन क्या पावन दिन।
मन में दर्शन भगवान के हो जाते मंदिर जाए बिन।
भोले बाबा से यही अर्जी है प्रभु सुन।
इस विपदा घड़ी में तुम न आँखें लेना मुन।
तु ही पार लगाएगा मन में है विश्वाश।
ये घड़ी भी टल जाएगी सब लेंगे चैन की सांस।
सावन आया सावन आया।
रीना कुमारी
प्राथमिक विद्यालय सिमल वाड़ी पश्चिम टोला
बायसी पूर्णियाँ