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स्वातंत्र्य कुसुम-दिलीप कुमार गुप्ता

स्वातंत्र्य कुसुम

अति पावन शुभ मंगल वेला
आर्यावर्त मुक्ति स्वर्णिम दिवस
चतुर्दिक छायी हरियाली
निस्सिम प्रखर धवल व्योम
अनवरत प्रगति छंद गुंजन
अंतस छटा स्वच्छ चक्र महान
सत्य अहिंसा अहर्निश समर्पण
समर्पित त्याग सर्वस्व बलिदान
स्वतंत्रता के पूजनीय नायक
करूं स्वातंत्र्य कुसुम समर्पण ।

बहन बिटिया हो सम्मानित
सुरभित मर्यादित आचरण
भय भूख भ्रष्टाचार संताप मिटे
पाशविकता का हो उन्मूलन
आजादी का यह अरुणोदय
मानवता का हो अभ्युदय
न्याय सुनीति संस्कृति का
गौ गंगा गीता का संरक्षण
स्वतंत्रता के अभिनंदनीय नायक
करूं स्वातंत्र्य कुसुम समर्पण ।

ऐसा ही हो तेरे सपनों का भारत
उदारता की बहे मधुर बयार
प्रगाढ हो मैत्री सद्भाव चिंतन
निर्भीकता की उत्कंठा प्रतिपल
शांति शीतलता संदेश उज्जवल
देश काल की सीमा पार
विश्व बंधुत्व सर्वधर्म समन्वय
आलोकित हो गांधी का दर्शन
स्वतंत्रता के वंदनीय नायक
करूँ स्वातंत्र्य कुसुम समर्पण ।

दिलीप कुमार गुप्ता
प्रधानाध्यापक म. वि. कुआड़ी
अररिया बिहार

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