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टीचर्स ऑफ बिहार-रीना कुमारी

टीचर्स ऑफ बिहार

धन्यवाद कैसे करूं टी. ओ. बी टीम तुम्हारा,
शब्द खुशी से न मिलते है, कैसे वर्णन करूँ तुम्हारा।
अभिव्यक्ति को सजाया तूने देकर नाम हमारा,
स्वागत है हदय से जय है और अभिनंदन है तुम्हारा।
मन की बातें मन तक ही सीमीत थी,
तूने ही मेरी रचना को शुशोभित करके निखारा।
कल्पनाओं को उँची उड़ान देकर संवारा,
आत्मविश्वाश जगाकर तुने ही तो मान- सम्मान बढ़ाया।
धन्यवाद कैसे————

कवि हदय पाना सबके वश की बात नहीं,
कविता गढ़ना सबके वश की बात नहीं।
भरके जो तुने एक उल्लास नया,
लेखन में जो लेखनी का साथ हुआ।
यह सब है तेरा ही सारा किया,
लिखने को हर पल उत्सुक रहता है जिया।
वर्णन करें तो कैसे कि तुने क्या-क्या है किया,
आत्म विश्वास जगाकर तूने तो लिखने को प्रेरित किया।

फिर कैसे कहुँ कि तूने कुछ नहीं किया,
धन्यवाद कैसे—————

बिहार के शिक्षकों का तूने बड़ा ही नाम किया,
सक्रिय कवयित्री का मुझे सुन्दर सा नाम दिया।
इसलिए तो हर्षित है आज मेरा हिया।
अपने रचना को प्रस्तुत करने का अवसर दिया,
वास्तविकता को उजागर करने का मौका दे दिया।
ऐसे तो तुने बहुत ही अच्छा किया,
बिहार के शिक्षकों का तूने मान सम्मान बढ़ा दिया।
अतः तेरा धन्यवाद करने को उल्लासित है सबका जिया।
धन्यवाद केसे————

गद्द-पद्द से मिश्रित यह एक उपवन है।
विजय सर और शिव सर जो इस उपवन के माली है।
सत्य नारायण सर की मेहनत रंग रंगीली है,
राकेश सर रचित सुन्दर नयी- नयी पहेली है ।
उन सबों के मेहनत सदा ही रंग लाने वाली है।
सदा सजाये रखेंगे इस उपवन में जो डाली है,
रंग-बिरंगे फूल खिले और लताये इसकी हरियाली है।
कहानी-कविता सब लिखने वाले लाली है,
सब आगे बढ़ते जाये यूँ
ही यही गुजारिश हमारी है।

रीना कुमारी 
पुर्णियॉं बिहार

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