उठो बच्चों
उठो बच्चों
आजादी की क्या तुमने की तैयारी है?
पदचिह्नों पर चलने की अब तुम्हारी बारी है।
क्या सही मायने में यही आजादी दिवस हमारी है,
ध्वजा फहराना, गीत गाना बस इतनी ही जिम्मेदारी है!
राष्ट्र धर्म का राष्ट्र हित में पालन ही समझदारी है।
दंगे फसाद, निर्मम हत्या देश की बदहाली है।
जात-पात, वर्ण भेद मिटाकर रहना ही खुशहाली है।
उठो बच्चों
आजादी की क्या तुमने की तैयारी है?
स्वजनों व गुरुजनों का सम्मान नैतिक जिम्मेदारी है।
जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों की सेवा ही सुखकारी है।
पर्यावरण को स्वच्छ रखना ही हितकारी है।
उठो बच्चों
आजादी की क्या तुमने की तैयारी है?
राजनीति में जहां देखो कुर्सी की मारा मारी है।
रातों रात सत्ता के लिए खरीद फरोख्त जारी है।
देश का भविष्य बनो सूरज सी तुममें लाली है।
शौर्य, पराक्रमी ,शिक्षित, कुशल बनने की तेरी बारी है।
उठो बच्चों
आजादी की क्या तुमने की तैयारी है?
नया कीर्तिमान लिखने की तुम्हारी जिम्मेदारी है।।
प्रियंका प्रिया
स्नातकोत्तर शिक्षिका
श्री महंत हरिहरदास उच्च विद्यालय पूनाडीह पटना