भविष्य निर्माता
हम शिक्षक है देश के
नहीं किसी बच्चे विशेष के
नहीं हमारा कोई हीत हितैषी
मेरी नजरे सब पर होती एक जैसी।
जब यहां पर सारे बच्चे हैं मेरे
तो फिर क्यों करें कोई जैसी तैसी।
हम ही बनाते हैं घोड़े रेस के
हम शिक्षक हैं देश के
ज्ञान की प्रकाश तुमको मैंने ही दिखलाया
अज्ञानता के अंधकार को कोसो दूर भगाया
माता पिता के प्रति तुम्हारी निष्ठा होती है क्या
यह मैंने तुमको बखूबी समझाया
हम ही सुलझाते हैं तुम्हारी लाखों केस के
हम शिक्षक हैं देश के
जब तू आया था मेरे पास
था सादा कागज का टुकड़ा
हम ही से आकर कहते थे प्यारे
तुम अपनी सारी दुखड़ा
हम ही ने बनाया अपनी तेज़ से
तुम्हारे चेहरे को चमकदार मुखड़ा
हम ही हैं भविष्य निर्माता देश के
हम शिक्षक हैं देश के।
एम० एस० हुसैन
उत्क्रमित मध्य विद्यालय छोटका कटरा मोहनिया कैमूर
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