वीर जवान
क्या शब्द लिखूं सरहद पर मरने वालों की, जान की बाजी लगाने वाले इन खतरों के खिलाड़ी की।
क्या शब्द लिखूं कठिन डगर पे चलने वालों की, मां भारती के लिए सब कुछ लुटाने वालों की।
क्या शब्द लिखूं दुश्मन को अपना लोहा मनवाने वालों की, कतरा कतरा लहू का देश पे बहाने वालों की।
क्या शब्द लिखूं हर आपदा में जोखिम उठाने वालों की, देश की खातिर स्वजनों से दूर जाने वालों की।
क्या शब्द लिखूं कंकड़, पत्थर, कांटे और चट्टानों पे चढ़ने वालों की, तपती धूप, बारिश, ठंड में पैर जमाने वालों की।
क्या शब्द लिखूं गोली-बारूद से खेलने वालों की, तोप विमान से दुश्मन के छक्के छुड़ाने वालों की।
क्या शब्द लिखूं मान देश का बढ़ाने वालों की, अद्भुत, अदम्य, साहस का परिचय देने वालों की।
क्या शब्द लिखूं उन जाबांज जान लुटाने वालों की, शान से तिरंगे से लिपटे आने वालों की।
“आप हैं तो देश है और देश है तो हम हैं, जितने भी शब्द लिखूं वो कम है”।
प्रियंका प्रिया
श्री महंत हरिहरदास उच्च विद्यालय पूनाडीह
पटना