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विश्व आत्महत्या निवारण दिवस-गिरीन्द्र मोहन झा

Girindra Mohan Jha

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हर वक्त समझना अमूल्य जीवन का मोल,
हर स्थिति में तू सदा शुभ सोच, तू शुभ बोल,
धैर्य, धर्म, साहस, आत्मबल तू कभी न हार,
हर दोष-दुर्बलता पर पराक्रम से कर प्रहार,
स्थिति विषम आ जाए, तो तू उससे बाहर कैसे होता,
यही बात मायने रखती है, जगत् यही तो है देखता,
ईश्वर पर आस्था, उत्साह, पराक्रम, निज आत्मबल,
तुम्हारा सच्चा साथी है, धैर्य, धर्म, सुकृत्, बुद्धिबल,
सदुपाय कभी व्यर्थ न जाता, आत्महत्या का मार्ग कभी न चुनना,
यदि मरना तो कर्त्तव्य-पालन हित, राष्ट्र-हित, लोक-हित में मरना,
यह बलिदान निस्संदेह तुम्हें अमर बना देगी, पर खुदकुशी का मार्ग न चुनना,
ईश्वर के तुम महान अंश हो, मानव जीवन है अनमोल, यह सदैव ध्यान रखना ।

……गिरीन्द्र मोहन झा

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