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वर्षा रानी-अवनीश कुमार

वर्षा रानी

वर्षा रानी आओ ना
धरा की प्यास बुझाओ ना

तपती धरती तुझे बुलाती
इनको तृप्त कर जाओ ना

सुखी नदियाँ तुझे बुलाती
इनको तू भर जाओ ना

जन जन है पानी बिन व्याकुल होते
इनकी प्यास बुझाओ ना

सूखे वृक्ष तुझे बुलाते
हरियाली फैलाओ ना

बच्चे बच्चे तुझे बुलाते
अब बिजली चमकाओ ना

जलचर नभचर है तुझे बुलाते
अब पानी बरसाओ ना

माली मलिन है संगीत सुनाते
अब फूलों को महकाओ ना

मेढक राजा टर टर राग सुनाते
और पानी बरसाओ ना
और पानी बरसाओ ना

वर्षा रानी आओ ना
धरा की प्यास बुझाओ ना। 

अवनीश कुमार

उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूरब
पकडीदयाल पूर्वी चंपारण (मोतिहारी)

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