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विकल्प-एस.के.पूनम

विकल्प

सघन कंटकों से है भरी राह,
हर प्रवाह मेंं सन्निहित है भँवर,
वायु की प्रचंडता मेंं है विनाश,
सामने है स्याह भरी लम्बी राह।
गुज़रना है इन्हीं जीवन-पथ पर,
सामने तो होते हैं कई विकल्प ,
निर्णय के इस निर्णायक मोड़ पर,
पलायन क्यों, हर्ष से करूं संघर्ष को अंगीकार।
विध्नों के कांटों ने बिंधा कई बार,
घायल हृदय को सी लेता हर बार,
जीवन जीने की वजह तलाशता,
और मुस्कुराते हुए जी लेता हर बार।
नियति लूट लेता है जब सब कुछ,
टूट जाता है मन में बसा घरौंदा,
जग भी बैरी हो जाता है कई बार,
तब थाम लेता अपनो के साथ का विश्वास का डोर। 
प्राण शक्ति के अंतिम प्रवास तक,
जलती-बुझती अंतिम आस तक,
वचनबद्धता के अंतिम छोर तक,
साथ निभाना ही है श्रेष्ठतम विकल्प।

(स्वरचित)
एस. के. पूनम

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