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योग दिवस-आंचल शरण

 

योग दिवस

आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनाएं

विश्व के कोने कोने में ये अलख जगाएं।।

 योग का मतलब है जोड़ना,

लोभ को दिल से तोड़ना, 

मानव तन को अंतःस्थल से जोड़ना

मनोविकार को हर तरह से छोड़ना l

 बस ये सारी बातें हम सबको बतलाएं,

आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनाएं।।

इसमें न है कोई खर्चा, 

न ही कोई दिखावा है

खुश रहें, स्वस्थ रहे कैसे

बस इसकी ही चर्चा है

ले चटाई हमसब शुरू हो जाएं

 आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनाएं। 

चाहे खड़े हों, या हो बैठे

पलट पलट चाहे लेटे, 

योग एक स॔तुलन है, भिन्न विधा लपेटे। 

अपने अंदर सांसों को खींचकर गहराई में पहुंचाएं,

आओ हम सब मिलकर, योग दिवस मनाएं। 

पद्मासन, वज्रासन या हो सर्वांगाशन,

ध्यानमग्न हो बैठ जाएं, बिना करे व्यसन।

 सबसे पहले उठकर, इसे ही सहज बनाएं, 

आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनाएं। 

योग बहुत है फायदेमंद, 

जैसे शाक, मूल और कंद,

 न रहे मन में कोई द्वंद्व, 

बिना क्लेश हो जाए स्वछंद।

दैनिक कार्य का हिस्सा इसे बनाएं, 

आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनाएं। 

 योग का झंडा विश्व में हम फहराएं, 

हरेक व्यक्ति को रोगमुक्त बनाएं।

इसी प्रतिज्ञा को लेकर हम आगे बढ़ते जाएं,

 आओ हम सब मिलकर योग दिवस मनाएं।

 

आंचल शरण

बायसी पूर्णिया

बिहार

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