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अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस- रणजीत कुशवाहा

Ranjeet Kushwaha

International Day
जन जन में बढ़ रही है इर्ष्या,
खंडित हो रहा हमारा समाज।
इस भेदभाव को दूर भगाएं,
चलो प्रेम का एक दीप जलाएं ।।१

ऊँच-नीच की पहचान छोड़ दें,
जाति की सभी दीवारें तोड़ दें।
मानव एकता का पाठ पढ़ाएं,
चलो प्रेम का एक दीप जलाएं।।२

औरों की खुशी में खुश रहना सीखें,
धरा पर बस सबकी खुशहाली दिखें।
स्वर्ग सी सुंदर अपनी दुनिया बसाऐ
चलों प्रेम का एक दीप जलाएं।।३

चार दिन की ही है ये जिंदगी,
खाली हाथ ही है हमें जाना।
जीवों के लिए उपहार बरसाएं,
चलो प्रेम का एक दीप जलाएं ।।४

अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस के अवसर पर समस्त विश्व कल्याण की कामना करता हूं।

रचनाकार -रणजीत कुशवाहा
प्राथमिक कन्या विद्यालय लक्ष्मीपुर रोसड़ा समस्तीपुर
(बिहार)

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