Site icon पद्यपंकज

अनुभव- मीरा सिंह “मीरा”

Meera Singh

बहुत काम के अनुभव होते
खट्टे मीठे कड़वे तीखे।

हाथ पकड़कर हम अनुभव का
जीवन पथ पर चलना सीखें।

आती है जब कोई मुश्किल
अनुभव पड़ता उसके पीछे।

संग चले है साथी बनकर
साथ हमारे आंखें मींचे।

बिन अनुभव है दुश्कर जीना
मुरझा जाते बाग बगीचे।

अनुभव है अनमोल खजाना
मुफ्त सदा ही जग से मिलते।

अपना जीवन आप संवारे
अनुभव हमसे हरदम कहते।

अनुभव देते हैं सीख नया
क़दम क़दम चल आगे बढ़ते।

मीरा सिंह “मीरा”
+२, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव, जिला-बक्सर, बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version