Site icon पद्यपंकज

आओ पेड़ लगाएँ हम – रत्ना प्रिया

Ratna Priya

रत्ना प्रिया

आओ पेड़ लगाएँ हम

पर्यावरण शुद्ध रखना है तो, आओ पेड़ लगाएँ हम ।
धरती के सूने आँचल में, हरियाली विकसाएँ हम ।।

जीवनरक्षक संजीवनी को, धरती धारण करती है।
सृजन पालन-पोषण करती, नूतन प्राण वह भरती है।।
पंचभूत संतुलित हो तो, धरा संतुलन पाएगी।
बाढ़, भूकंप, अनावृष्टि सम , विपदाएँ टल जाएगी।।
अवांछनीय तत्वों से धरती, संरक्षित कर पाएँ हम ।
पर्यावरण शुद्ध रखना है तो, आओ पेड़ लगाएँ हम ।।

प्रकृति से निर्मित काया को, अप्राकृतिक नहीं बनाएँ हम।
पर्यावरण हो स्वच्छ हमारा, दृढ़ संकल्प उठाएँ हम।।
क्षिति, जल, पावक, गगन समीर को, नियमित शुद्ध बनाएँगे।
जलवायु के बढ़ते ताप को, तभी दूर कर पाएँगे।।
विश्व पटल पर छाया संकट, प्यारी धरा बचाएँ हम ।
पर्यावरण शुद्ध रखना है तो, आओ पेड़ लगाएँ हम ।।

बम-बारूद की भाषा में कब तक, दुनिया बात करेगी।
चंद-जमीं के टुकड़े खातिर, देश हित पर घात करेगी।।
विषाक्त धुएँ के प्रलय से, कब तक जग बच पाएगा।
मानव अस्तित्व मिटाने का, भूल समझ कब आएगा।।
प्रकृति का क्रोध जगाने वाले, दुश्मन न बन जाएँ हम।
पर्यावरण शुद्ध रखना है तो, आओ पेड़ लगाएँ हम।।

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version