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आजादी-राम पुकार महतो

Ram Pukar mahto

आजादी है, आजादी

गोरों से तो पा लिया,
अपनो से अभी बाकी है |
खुश क्यों हैं हम झांकी से,
अभी तो कारवां बाकी है ||

पाठ पढ़ा गए जो अहिंसा का,
वही हमारे बापू गाँधी है |
फैल रही है गली – गली में,
अभी भी हिंसा की ए आंधी है ||

भले ही बापू चले गए पर,
अभी तो उनका सपना बाकी है |

आजादी है आजादी
गोरों से तो पा लिया,
अपनो से अभी बाकी है ||

सिख दे गई जो वीरता का,
वही हमारी लक्ष्मीबाई रानी है |
जूझ रही हैं पथ – पथ पे,
अभी भी हमारी बिटिया रानी है ||

भले ही लक्ष्मी चली गई पर,
अभी तो उनका ए संघर्ष बाकी है |

आज़ादी है आजादी
गोरों से तो पा लिया,
अपनो से अभी बाकी है ||

सूत्र दे गए जो एकता का,
वही हमारे सरदार पटेल भाई है |
बिखर रहें हैं एक – दुसरे से,
अभी भी एकत्र कहाँ भाई – भाई है ||

भले ही पटेल चले गए पर,
अभी तो उनका ए एकीकरण बाकी है |

आज़ादी है आजादी
गोरों से तो पा लिया,
अपनो से अभी बाकी है ||

सोप गाए जो देश हाथ में,
वही सपूत असंख्य बलिदानी है |
डटे हुए हैं सीमाओं पे,
अभी भी वीर अभिमानी है ||

भले ही सपूत चले गए पर,
अभी तो उनका ए कर्ज बाकी है |

आजादी है आजादी
गोरों से तो पा लिया,
अपनो से अभी बाकी है ||
खुश क्यों हैं हम झांकी से,
अभि तो कारवां बाकी है ||

रचनाकार
राम पुकार महतो
प्र.प्रधानाध्यापक
प्रा. वि. जटमलपुर ढ़ाब, कहार टोली प्रखण्ड – कल्याणपुर, जिला – समस्तीपुर

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