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कलयुग सा संसार- नीतू रानी

Nitu

ये है कलयुग सा संसार
जिसमें है दुखों का भंडार,
यहाँ लड़ाई-झगड़े रोज हैं होते
होते हैं मारकाट।
ये है कलयुग———२।

यहाँ लोग मोह- माया में लिपटे
और पँच पाप में जकड़े,
गरीब खाने के लिए मरते
धनी तो धन-दौलत पर अकड़े।

न कभी पूजा-पाठ हैं करते
हरदम झूठ पर झूठ हैं बोलते,
इस कलयुग संसार में वो
जीने का रखते अधिकार।
ये है कलयुग———-२।

अभी भी कुछ बाकी है तो
करलो मन को पूरा,
अच्छा करना बुरा न करना
नहीं तो दिखेगा यम का डेरा।

सोच-समझ कुछ भी करना
नहीं तो बैठकर रोना,
अभी से चेतो भाई -बहना
नहीं तो डूब मरोगे मझधार।
ये है कलयुग———२।

सदा सत्य की राह पर चलना
पँच पाप नही करना,
सुन्दरता, धनवान होने का
कभी न अकड़ दिखाना।

बड़े जनों की सेवा करना
गरीबों की सहायता करना,
ऐसा अगर करोगे तो
दुःख आएगा न तेरे द्वार।
ये है कलयुग सा संसार —२।


नाम -नीतू रानी
स्कूल का नाम-म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला-पूर्णियाॅ॑, बिहार।

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