चलो नेह का दीप जलाएँ- किशोर छंद
चलो नेह का दीप जलाएँ, कैसे भी।
सबसे मिलकर स्नेह बढ़ाएँ, कैसे भी।
क्षमा भाव को मन में लाएँ, कैसे भी।
सबको अपना आज बनाएँ, कैसे भी।।
तिमिर तुम्हारा हरण करेंगे, कैसे भी।
नेह दीप ले सदा जलेंगे, कैसे भी।
मंजिल तेरे कदम चुमेंगे, कैसे भी।
राहों से हर शूल चुनेंगे, कैसे भी।।
सदा प्रेम से बातें करना, अच्छा है।
मानवता से नाता रखना, अच्छा है।
नहीं शिकायत करते रहना, अच्छा है।
नहीं बुराई को भी सहना, अच्छा है।।
सहज हमें है मंजिल पाना, आओ तो।
शिक्षक का है धर्म निभाना, आओ तो।
मार्ग सही भी है दिखलाना, आओ तो।
भारत की जय गाथा गाना, आओ तो।।
संशय मन का दूर भगाऊँ, आओ तो।
नव जीवन का गीत सुनाऊँ, आओ तो।
नभ की तुझको सैर कराऊँ, आओ तो।
तुमको तुमसे ही मिलवाऊँ, आओ तो।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

