उत्साह उमंग संग
दूधिया प्रकाश पर्व,
साल भर बाद आता दीपावली का त्यौहार।
आपस में सब मिल
घरों की सफाई करें,
अमीरों-गरीबों को भी रहता है इंतजार।
घरों को सजाते सभी
दीप और लड़ियों से,
उत्सव मनाते लोग मिल सारे परिवार।
पटाखे, मिठाई लाते,
परिजन मिल खाते,
जीवन में आनंद का नहीं होता पारावार।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि‘
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