दिव्यता- गीत
पर्व दिनकर का सुखद अहसास लेकर आ गयी।
दिव्यता सारे जहाँ की आज भू पर छा गयी।।
साफ सारे घर हुए हैं चमचमाहट देख लो।
और बदली सोच सबकी सौम्य आहट देख लो।।
स्वर्ग जैसी ही छटा अम्बर धरा को भा गयी।
दिव्यता सारे जहाँ की आज भू पर छा गयी।।०१।।
गीत मनहर गा रहे हैं आज तो नर नारियाँ।
सूर्य को है अर्घ्य देना कर रहे तैयारियाँ।।
चार दिन का व्रत हमेशा पुण्य को बरसा गयी।
दिव्यता सारे जहाँ की आज भू पर छा गयी।।०२।।
देव सन्मुख सूर्य ऊर्जा स्रोत जग है जानता।
सर्व हितकारी सदा आदित्य को है मानता।।
भक्ति आस्था और सारे भाव मन को भा गयी।
दिव्यता सारे जहाँ की आज भू पर छा गयी।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क- 9835232978
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