दीप जलाना – कुंडलिया
दीप जलाना आज है, जगमग करना व्योम।
पुलकित पावन हो हृदय, प्रेम भरा हर रोम।।
प्रेम भरा हर रोम, सभी से मिलकर कहते।
हरण सभी हो क्लेश, सदा सुखमय हो रहते।।
लक्ष्मी का आशीष, चाहते जो भी पाना।
पूजन करके आज, उन्हें तुम दीप जलाना।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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