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नव वर्ष का शुभागमन- सुरेश कुमार गौरव

 

नव किरणों संग आई बहार,
हर दिल में जागे नए विचार।
सपनों को दे नए पंख उड़ान,
जीवन में भर दे नव अरमान।

सूरज की पहली किरण का वंदन,
नव उमंग से सजे जीवन का चंदन।
बीते ग़म को भूल, बढ़ें अब आगे,
सपनों के संग आसमान में भागे।

फूलों-सी खुशबू, हवाओं का गीत,
हर पथ पर मिले सफलता का मीत।
नव वर्ष में हो सबका कल्याण,
हर ओर छाए प्रेम का वरदान।

आओ मिलकर करें ये संकल्प,
सच का साथ और प्रयास सरल।
धरती को स्वर्ग बनाएँगे हम,
हर दिन होगा उत्सव का संगम।

नव वर्ष सबको दे शुभ आशीष,
हर ग़म का तम मिटे आए प्रकाश।
जीवन की राह हो सदैव मंगलमय,
नव वर्ष का हो हर दिन दीप्तमय।

सुरेश कुमार गौरव, उ. म. वि. रसलपुर

फतुहा, पटना (बिहार)

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