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पर्यावरण की समस्या और निदान – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

पर्यावरण की समस्या और निदान

पर्यावरण की बिगड़ती सूरत ,
बड़ी समस्या बनी आज की  है ।
कैसे इसे पटरी पर लाएँ ,
यह मुश्किल  काम  बड़े राज की  है।

जीवन के स्वच्छंद जीने का ,
दुष्परिणाम  है यह दिखा रहा ।
ज्यों ज्यों वनों की कटाई हो रही ,
यह कई बातों को भी सीखा रहा ।

बेमौसम की बारिश होती  ,
बेमौसम ठंडक अड़ती है ।
बेमौसम के पतझड़ होते ,
बेमौसम की गर्मी पड़ती है ।

जिन बातों में लगा है मानव ,
वह कृत्रिमता की बरसात है ।
इससे पर्यावरण को क्षति पहुँचती,
यही बिगड़ते पर्यावरण की सौगात है ।

पर्यावरण असंतुलित होने से,
हर जीव में विकलता छाई है ।
प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण ही ,
मुसीबत हर जीव पर बन आई है ।

ग्लोबल    वार्मिंग   बढ़ने    से ,
ग्लेशियर सब भी पिघल  रहे।
इससे समुद्र का स्तर बढ़ने से ,
हर जीव  को भी निगल रहे ।

मुश्किल में है  सबका   जीवन ,
कुछ तो  होगी   इसकी   कला ।
कुछ तो उपाय निकालें हम सब ,
सबका    जिससे    होए   भला ।

विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सब ,
इस समस्या की तहकीकात करें ।
इसके निदान के लिए जो बने विकल्प ,
सब मिल उसका बरसात करें ।

जीवन हम सबका तभी बचे जब ,
प्रकृति से छेड़छाड़ कभी न किया करें ।
संतुलन पर्यावरण का बना रहे ,
तभी सुखमय जीवन की आस भरें ।

पर्यावरण की रक्षा करने में ,
अधिकाधिक     पेड़    लगाएँ  ।
फिर धरती के महती आनन को ,
खूबसूरत सा   चमकाएँ ।

सब जीवों में जो आह बनी है ,
यथाशक्ति    तत्काल    मिटाएँ   ।
हरे भरे वृक्षों को पोषित करने में ,
हम सब  मिलकर  डट  जाएँ ।

पर्यावरण की रक्षा करने में ,
मिलकर जोश जगाएँ  हम ।
अपनी रक्षा खुद करने को  ,
सदा  ऐसे होश  बढ़ाएँ हम ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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