Site icon पद्यपंकज

पिता – शांति कुमारी

Shanti Kumari

एक उम्मीद है एक आस हैं पिता
परिवार की हिम्मत और विश्वास है पिता
बाहर से सख्त अंदर से नर्म है पिता
उनके दिल मे कई मर्म है
पिता
संघर्ष की आंधियो मे हौसलों की दीवार है
परेशानियो से लड़ने की दो धारी तलवार है ,
बचपन मे खुश करने वाला खिलौना है
नीद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है।
पिता जिम्मेवारियों से लदी
गाडी का सारथी है
सबको बराबर का हक दिलाता
यही एक महारथी है
सपनो को पूरा करने मे लगने वाली
जान है
इसी से तो मां बच्चो की पहचान है।
पिता जमीर है पिता जागीर है,
जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है,
कहने को सब ऊपर वाला देता है
पर खुदा का ही एक रूप
पिता का शरीर है

शांति कुमारी
वर्ग नौ
उ उ मा वि रांटी मधुबनी बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version