एक उम्मीद है एक आस हैं पिता
परिवार की हिम्मत और विश्वास है पिता
बाहर से सख्त अंदर से नर्म है पिता
उनके दिल मे कई मर्म है
पिता
संघर्ष की आंधियो मे हौसलों की दीवार है
परेशानियो से लड़ने की दो धारी तलवार है ,
बचपन मे खुश करने वाला खिलौना है
नीद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है।
पिता जिम्मेवारियों से लदी
गाडी का सारथी है
सबको बराबर का हक दिलाता
यही एक महारथी है
सपनो को पूरा करने मे लगने वाली
जान है
इसी से तो मां बच्चो की पहचान है।
पिता जमीर है पिता जागीर है,
जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है,
कहने को सब ऊपर वाला देता है
पर खुदा का ही एक रूप
पिता का शरीर है
शांति कुमारी
वर्ग नौ
उ उ मा वि रांटी मधुबनी बिहार
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