Site icon पद्यपंकज

पुस्तक – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

आओ बच्चों पुस्तक पढ़ लें।
नई-नई बातों को गढ़ लें।।
पुस्तक तो है ज्ञान-खजाना।
करें न कोई और बहाना।।
नये-नये कुछ शब्द मिलेंगे।
सुंदर मनहर चित्र दिखेंगे।।
कभी दिखें रवि-चाँद-सितारे।
कभी पेड़, पशु-पक्षी प्यारे।।
नित पढ़ने की आदत डालें।
कभी नहीं कुछ मन में पालें।।
इसको अपना मित्र बनाएँ।
सदा मित्रता भाव निभाएँ।।
अमिय ज्ञान का अलख जगाएँ।
अंतस सद्गुण भरते जाएँ।।

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’ मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज, भागलपुर, बिहार

1 Likes
Spread the love
Exit mobile version