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प्रेम-निष्ठा जताती है राखी- सुरेश कुमार गौरव

हर वर्ष श्रावण मास में खुशियाँ लाती है राखी,

भाई-बहन का प्रेम संदेश भी देती जाती है राखी।

कभी कृष्ण और सुभद्रा की याद दिलाती है राखी,

भाई बहन के अटूट प्रेम निष्ठा को जताती है राखी।

कई गाथाओं से लिपटी हुई पहचान देती है राखी,

भाई-बहन के बीच सौगंध व खुशियाँ लाती है राखी।

हुमायूँ और कर्णावती के बीच की लिखी है गाथा,

इस राखी के बंधन की याद दिलाती है यह राखी।

भारतीय संस्कृति में बहन के रक्षा का प्रतीक है राखी,

रक्षा-सूत्र में लिपटी भाई-बहन का प्रेम प्रतीक है राखी।

भाई के लिए बहन के रक्षा के वादों की मान है राखी,

बहन-भाई देते एक दूसरे को सदा लंबी हो उम्र तुम्हारी।

माथे पर रोली, तिलक कर बहन भाई को देती आशीर्वाद,

फिर भाईचारे के रिश्तों के दिलों को भी भाती है राखी।

अटूट बचन देते भाई अपनी बहन को सदा बना रहूँगा,

बन रक्षा कवच बन सदा साथ होने की मिसाल बनूँगा।

सदा अटूट रहे राखी का ये अडिग और अनोखा बंधन,

सदियों से चली आ रही भाई बहन का शुभ रक्षाबंधन।

इस दिन बहनें करती हैं आने का बेसब्री से इंतजार,

भाई के लिए अपने हृदय से करती है प्रेम इजहार।

रक्षा सूत्र के दिन मिलती बहन को सगुन और सौगातें,

भाई-बहन के बीच होती खूब जी भरके मुलाकातें।

हर साल श्रावण मास में खुशियाँ लाती है राखी,

भाई बहन का प्रेम संदेश भी देती जाती है राखी।

सुरेश कुमार गौरव ‘शिक्षक’

उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा पटना (बिहार)

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