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प्रेरणा गीत: सीखो – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

Devkant

प्रतिदिन अपनी माँ से सीखो
करुणा को बरसाना।
प्रेम-भाव से सिक्त हृदय में
सौम्य सुमन महकाना।।

अनुशासन चींटी बतलाती
गुण ऐसा नित भरना।
सत्य मार्ग पर चलने में तुम
कभी न पीछे हटना।।
सूर्य सतत् प्राची में उगते
बात यही बतलाना।
प्रेम-भाव से सिक्त हृदय में
सौम्य सुमन महकाना।।

तरंगिणी की जलधारा सम
आगे बढ़ते रहना।
बाधा चाहे जितनी आए
नहीं किसी से कहना।।
अंतर्मन को संबल देकर
पथ पर बढ़ते जाना।
प्रेम-भाव से सिक्त हृदय में
सौम्य सुमन महकाना।।

भाव सुखद सुंदर लाकर ही
प्रतिदिन आगे बढ़ना।
गुरुवर का शुभाशीष पाकर
प्रगति राह पर चढ़ना।
सरल सरस जीवन अपनाकर
मन को नित सरसाना।।
प्रेम-भाव से सिक्त हृदय में
सौम्य सुमन महकाना।।

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज, भागलपुर,
बिहार

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