पढ़ो हिन्दी , लिखो हिन्दी
बहुत प्यारी ज़बां ये है
इससे टपकती है मधुरिम
सदा प्रेम की निगहबां ये है
ये भाषाओं की जननी है
सदा ही शब्द निर्झरणी है
इससे जुड़ी संस्कृति है
हम पर खूब मेहरबां ये है
हिन्दी देश की राष्ट्रभाषा है
जो प्यार की परिभाषा है
इसके शब्द हैं मिश्री घोलते
मिठास की खूद बागवां ये है
कवियों ने है इसे आज़माया
इसके शब्दों को है पिरोया
कवि रहीम, तुलसी,जायसी
रसखान को करती बयां ये है
एम० एस० हुसैन “कैमूरी” मोहनियां कैमूर बिहार
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