Site icon पद्यपंकज

मकर संक्रांति – सुरेश कुमार गौरव

 

सूरज की किरणें संग उमंग लाई,
मकर संक्रांति ने खुशियाँ बरसाई।
खिचड़ी की महक, तिल-गुड़ का मिठास,
हर मन को भाए यह त्यौहार खास।।

गगन में उड़ते विविध पतंगों के रंग,
खुशियों के संग बँधे जीवन के ढंग।
नव प्रकाश लेकर आई है संक्रांति,
धरा पर लिख रही नव गीतों की क्रांति।।

तिलक लगाकर करें पूजन सूर्य देव,
धन-धान्य से भरें सबका जीवन।
प्रेम, सौहार्द का मीठे संदेश सुनाएँ,
मकर संक्रांति को हर्ष से मनाएँ।।

संग-संग बहें उमंग के झरने,
मंगलकामना हो सबके घर में।
धरा, गगन और मन का संयोग,
मकर संक्रांति से मिटे सबका रोग।।

सुरेश कुमार गौरव

उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना (बिहार)

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version