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मजदूर- मीरा सिंह “मीरा”

माना नहीं मशहूर वह
सबकी आंखों का नूर वह।
नित नया रचता रहे कुछ
हम सबका है गुरुर वह।।

काम करता है विविध
कहलाता है मजदूर वह।
दिख जाता हर मोड़ पर
हरता सबकी पीड़ वह।।

लक्ष्य कभी न चूकता
लक्ष्यभेदी है तीर वह।
कर्म पथ पर डटा रहे
धारण करता धीर वह।।

नवसृजन का गीत है
जीवन से भरपूर वह।
विकास रथ का सारथी
उन्नति का प्राचीर वह।।

अदम्य साहस बल भरा
खींचता नया लकीर वह।
खम ठोक सभी से कहता
रचेगा नूतन तस्वीर वह।

मीरा सिंह “मीरा”
+२, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव, जिला-बक्सर, बिहार

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