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माँ तुम कितनी अच्छी थी- नीतू रानी

Nitu

विषय – माँ (मदर्स डे)
शीर्षक -माँ तुम कितनी अच्छी थी।

माँ
माँ तुम कितनी अच्छी थी
बिल्कुल देवी जैसी थी ,
हृदय तुम्हारा स्वच्छ व शीतल
पवित्र नदी गंगा जैसी थी।
माँ तुम कितनी ———२।

माँ तुम कितनी अच्छी थी
सबकुछ मेरा करती थी,
अब मुझको छोड़ कर चली गई
मुझे अकेला छोड़ गई।
माँ तुम कितनी ——–२।

जब मैं सबसे छोटी थी
मुझे स्नान कराती थी,
दूध भात खिलाकर मुझको
गोदी में सुलाती थी।
माँ तुम कितनी ———२।

जब मैं थोड़ी बड़ी हुई
मुझे अच्छी बातें सिखलाती थी,
एक से सौ तक अ से ज्ञ तक
माँ तुम्हीं तो सिखलाई थी।
माँ तुम कितनी ———२।

माँ जब मैं और कुछ बड़ी हुई
मुझे बी०ए० आॅनर्स करवायी थी ,
शिक्षक की नौकरी में मुझको
तुम्हीं तो लगवाई थी।
माँ तुम कितनी ———२।

जब मैं नौकरी पर जाने लगी
मुझे छोड़ने खुश्कीबाग तक आई थी ,
खुश्कीबाग में बैठकर एक घंटा
मेरे लिए तुम रोई थी।
माँ तुम कितनी ———-२।

तेरे रोने का कारण
तुमसे कुछ महिलाओं ने पूछी थी,
तुम बोली मेरी लक्ष्मी बेटी
मेरे घर आँगन को सूनी कर नौकरी पर चली गई।
माँ तुम कितनी ————२।

माँ तुम कितनी अच्छी थी
सुख -दुख में हँसती रहती थी,
फटे- पुराने कपड़े पहनकर
खुशियों का चिराग जलाती थी।
माँ तुम कितनी ———–२।

माँ तुम कितनी अच्छी थी
सबका ख्याल रखती थी,
अपना भूखे रहकर भी
सबको भरपेट खिलाती थी।
माँ तुम कितनी ———२।

माँ तुम कितनी अच्छी थी
क्यूँ इतना जल्दी बीमार पड़ी,
हम सब भाई बहनों को छोड़कर
ईश्वर के घर चली गई।
माँ तुम कितनी अच्छी थी।

नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार ।

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