योग की महिमा
आएँ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ,
योग खुद करें और करवाएँ ।
बिना किसी गाफिल के हर दिन ,
सबको यह अच्छी आदत डलवाएँ ।।
मन से तन को जो जोड़े विधा,
सच में वही योग कहलाए ।
इससे मन प्रफुल्लित रहे सदा
और तन को भी अधिक सुहाए ।।
बड़ी महिमा है योग की ,
और यह ही सबका कारक ।
इससे बढ़कर कोई नहीं धरा पर ,
तन , मन के लिए अति सुखकारक ।।
ध्यान , व्यायाम और प्राणायाम भी ,
योग में होते बेहद खास ।
जो नर नारी नित्य करते इसे ,
स्वास्थ्य रहता उनके पास ।।
स्वस्थ रहना जीवन में ,
है बहुत महत्त्व की बात ।
इससे तन की शक्ति बनी रहे
और मन में लगे न कोई घात ।।
योग से ही स्पंदित होते ,
तन में ऊर्जा का संचार ।
तन की शक्ति यदि मन से जुड़े ,
तो मिले सुखद सिद्धि अपार ।।
कई रूप प्राणायाम के ,
जो जीवन को देते हैं नव आस ।
अनुलोम विलोम और भस्त्रिका ,
होते बेहद इनमें खास ।।
ध्यान इसमें प्रभु का धरें,
तब मन हो बहुत उजास ।
वृहत प्रकृति से दोस्ती करें,
तब तन को भी मिले प्रकाश ।।
एक व्यायाम चलना भी ,
पर तेज कदमों के साथ ।
तन इससे अधिक स्वस्थ रहे ,
औ मन में विकार न आए हाथ ।।
तन मन की स्फूर्ति बनी रहे ,
यदि योग नित्य हो जाए ।
अच्छे स्वास्थ्य की कामना ,
इससे ही नित बन पाए ।।
ऐसा संकल्प मन में लें सभी ,
कभी योग न छूटने पाए ।
यह बचपन से बुढ़ापा तक ,
रोग को हमेशा दूर भगाए ।।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

