योग की महिमा – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

योग की महिमा

आएँ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ,
योग खुद करें और करवाएँ ।
बिना किसी गाफिल के हर दिन ,
सबको यह अच्छी आदत डलवाएँ ।।

मन  से  तन  को  जो  जोड़े  विधा,
सच   में      वही   योग   कहलाए ।
इससे   मन  प्रफुल्लित  रहे सदा
और  तन  को भी  अधिक  सुहाए ।।

बड़ी      महिमा     है योग की ,
और  यह     ही    सबका    कारक ।
इससे बढ़कर कोई   नहीं  धरा  पर ,
तन , मन  के  लिए अति  सुखकारक ।।

ध्यान ,  व्यायाम और प्राणायाम भी ,
योग  में     होते        बेहद     खास ।
जो   नर  नारी  नित्य     करते    इसे ,
स्वास्थ्य      रहता       उनके    पास ।।

स्वस्थ    रहना    जीवन    में  ,
है   बहुत   महत्त्व  की  बात ।
इससे तन की शक्ति  बनी रहे
और मन  में लगे न कोई घात ।।

योग   से    ही    स्पंदित    होते ,
तन   में   ऊर्जा     का    संचार ।
तन की  शक्ति यदि  मन से जुड़े ,
तो मिले  सुखद सिद्धि   अपार ।।

कई      रूप       प्राणायाम     के ,
जो   जीवन   को  देते हैं नव आस ।
अनुलोम विलोम और भस्त्रिका ,
होते बेहद इनमें   खास  ।।

ध्यान इसमें प्रभु का धरें,
तब मन हो बहुत उजास ।
वृहत प्रकृति से दोस्ती करें,
तब तन को भी मिले प्रकाश  ।।

एक व्यायाम चलना भी ,
पर तेज कदमों के साथ ।
तन इससे अधिक स्वस्थ रहे ,
औ मन में विकार न आए हाथ ।।

तन मन की स्फूर्ति बनी रहे ,
यदि योग नित्य हो जाए ।
अच्छे स्वास्थ्य की कामना ,
इससे ही   नित  बन पाए ।।

ऐसा संकल्प मन में लें सभी ,
कभी योग न छूटने पाए ।
यह बचपन से बुढ़ापा तक ,
रोग को हमेशा दूर भगाए ।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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