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राखी के मायने – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

हर सावन आकर है कहता ,

अनमोल रिश्ते का प्यार है।

भाई-बहन के प्रेम के रिश्ते,

का यह अनुपम त्योहार है।

अमर प्रेम है भाई- बहन का ,

यह कई जन्मों का सार है।

बहन नहीं जिस भाई का ,

सच पूछो कितना वह निस्सार है !

है प्यार दोनों के मन में ,

यही एक दूजे का खास है।

बहना बाँधे भाई को राखी ,

यही हर भैया की आस है।

बहन, भाई का , भाई , बहन का ,

यह नाता बड़ा पुराना है।

है राखी यह खुशियों का खजाना ,

यह अनुपम दिवस मनाना है।

भाई- बहन का प्रेम अमर है ,

यह घर की खुशियों का त्योहार।

नहीं चाहिए भाई की दौलत


है बहना को अपनी मिट्टी से प्यार।

भैया आबाद सदा रहना ,

वह मन ही मन दुआएँ देती हैं।

बहना को याद किया करना ,

वह दिल ही दिल में कहती है।

सारे संसार के रिश्ते में ,

अनमोल रिश्ता है भाई-बहन का।

जीवन हो या दुःख मरण की ,

यही भाई हो अगले जनम का।

बहना जब घर से दूर बसे ,

भाई जाकर कुछ भेंट करे।

रक्षाबंधन दिन जाए बहना के घर ,

न उस दिन जाने में लेट करे।

प्यार यूँ ही नहीं छलकता है ,

भाई-बहन के अनमोल रिश्ते में।

खुशियों के झर-झर बहते हैं आँसू

इन खुशियों के पावन रिश्ते में।

हो प्यार सागर से भी गहरा,

यह नित भाई- बहन के बीच बहे।

केवल सुख में न जुड़ करके ,

कभी निज मन की भी बीत कहे।

भैया, रिश्तों की लाज सदा रखना

जब-जब राखी का दिन होता है।

इस दिन बहना को याद करना ,

यह केवल भाई-बहन का होता है।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा , जिला- मुजफ्फरपुर

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