साहित्य सरोवर में,
खिला अद्भुत कमल!
रामधारी सिंह दिनकर।
बेगुसराय के गांव सिमरिया,
जहां बसे मनरूप देवी और रवि भैया,
जिनके पुत्र हुए तेजस्वी दिनकर।
मानवीय चेतना के उन्नायक,
राष्ट्रीय जागरण में बड़े सहायक,
वाणी थी जिनकी प्रखर।
कालजयी रश्मिरथी ,कुरूक्षेत्र रचे तुम,
उर्वशी का श्रृंगार लिखे,
ओजस्वी कवि दिनकर।
रवि सम तेजोदीप्त छवि,
“हुंकार” भरे तुम कवि,
मार्तंड सा था भास्वर।
भारत की संस्कृति पर,
लिखे तुम “अध्याय चार”,
“हाहाकार ” लिखे पर हारे न कोई समर।
स्वरचित:-
मनु कुमारी
प्रखंड शिक्षिका
मध्य विद्यालय सुरीगांव
बायसी, पूर्णियां,बिहार
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