Site icon पद्यपंकज

वन हैं धरती की पहचान – सुरेश कुमार गौरव

वन हैं जीवन की पहचान,
इनसे धरती रहे महान।
शुद्ध हवा औ’ निर्मल पानी,
इनसे हरियाली मुस्कानी।।

पंछी गाते मीठे स्वर गान,
वन देते सबको वरदान।
फल-फूलों की यह सौगात,
सजती हर ऋतु में बारात।।

वृक्ष कटेंगे, तब संकट आएगा,
जीवन कैसे फिर बच पाएगा?
सांँसें होंगी जब कमजोर,
कौन बचाएगा इसे पुरजोर?

आओ मिलकर यह प्रण लें,
इस वन महिमा को नित गहें।
रोपें पौधे, दें क्यारियों से सजा,
हरियाली से मातृभूमि बसा।।

वन न होंगे तो जल कहांँ?
सूखे सरिता के स्वर कहाँ?
वन ही तो जीवन का मान,
इनसे उज्ज्वल हो अभियान।।

सुरेश कुमार गौरव,
‘प्रधानाध्यापक’
उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना (बिहार)

1 Likes
Spread the love
WhatsappTelegramFacebookTwitterInstagramLinkedin
Exit mobile version