मनहरण घनाक्षरी
सूर्य, चंद्र ग्रह सारे,
चलें श्रम के सहारे,
यदि श्रम को बिसारे, कष्ट भरमार है।
सृष्टि का आधार यह,
कर्ता कृत प्यार सह,
श्रमिक सम्मान गह, चलता संसार है।
श्रमिक हित सम्मान,
पारिश्रमिक प्रदान,
सुरक्षा स्वास्थ्य का ध्यान, रखें व्यवहार है।
श्रमिक दिवस कहे,
अमन चैन से रहे,
श्रमिक न कष्ट सहे, राष्ट्र के आधार है।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978
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