शिक्षक और गणित
आज अचानक से याद आए वो पुराने पल,
जिसमें मनाते थे कि गणित के शिक्षक न आए कल।
न कोई कॉपी चेक, न कोई सवाल,
गणित की घंटी में मचाना था बवाल।
बचपन की वो खुशी अनमोल,
जिसका न था कोई मोल ।
एक गणित की घंटी के बदले,
सारी खुशियां लेते थे तोल।
पर क्या पता था जिंदगी एक दिन फिर कहानी दोहराएगी,
गणित की शिक्षिका बनाकर बच्चों के बीच लाएगी।
पर यह ठान लिया मैने की मन लगाकर पढ़ाऊंगी,
गणित जैसे कठिन विषय को सरल बनाकर दिखलाऊंगी।
खुशबू कुमारी
मध्य विद्यालय गोला पंचायत
जे पी कॉलोनी मुजफ्फरपुर
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Khushboo Kumari


