हिन्दी को नित्य पढ़ने की, पढ़ाने की अभिलाषा है,
गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है।
उड़ें गगन में दूर तलक, पर जमीं हमेशा याद रहे,
जिस धरती पर जन्म लिया, वह मातृभूमि आबाद रहे,
हिन्दी जलधि के अमृत को, नित्य पीने की पिपासा है।
गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है।
विश्व की सभी भाषाओं की, माँ संस्कृत कहाती है,
हिन्दी संस्कृत के आँचल की पुत्री मानी जाती है,
समृद्ध लिपि देवनागरी की सहज, सरल परिभाषा है।
गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है।
ज्ञान से बढ़कर इस जग में श्रेष्ठ नहीं दूजा धन है,
उस व्यक्ति की शक्ति सीमित नहीं, परम जिज्ञासु जो मन है,
उत्सुक मन हर पल खुश रहता, होती नहीं निराशा है।
गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है।
हम हिन्दी हैं और वतन हैं, यह कवियों की वाणी है,
हिन्दी, हिन्दू हिन्दोस्तान, की पहचान पुरानी है,
हिन्दी हो राष्ट्र की भाषा , नवपीढ़ी से आशा है।
गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है।
भारत की बिन्दी है यह बापू की राजदुलारी है,
घर-घर बोली जानेवाली, हर भाषा से न्यारी है,
सुसभ्य संस्कृति को देती, सुंदर, सरल मीमांसा है।
गर्व है हम भारतीयों को, यह भारत की भाषा है।
रत्ना प्रिया
शिक्षिका (11- 12)
उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोपुर
चंडी, नालंदा