हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी है पहचान,
संस्कृति का अभिमान, हिन्दी का गान।
मिट्टी की खुशबू में रचती यह दमक,
हिन्दी है भारत की अद्भुत चमक।
शब्दों का यह मेला, भावों का सागर,
हर दिल में बसती, यह अनमोल गागर।
ज्ञान की दीपशिखा, मन का उजाला,
विश्व में फैलाए अपनी मधुर माला।
हिन्दी का जादू, जोड़े हर भाषा,
दिलों को बाँधे, बनाए समता की आशा।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बढ़ाए मान,
हिन्दी के संग चमके भारत महान।
आओ मिलकर लें यह संकल्प,
हिन्दी की सेवा में न हो कोई विकल्प।
सृजन का दीप जलाएँ हर दिशा,
विश्व में गूँजे हिन्दी की खूब प्रशंसा।
विश्व हिन्दी दिवस पर हम गर्व करें,
इसको समृद्ध कर भारत का मान भरें।
सुरेश कुमार गौरव
उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना, बिहार
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