होली का त्योहार है आया,
खुशियों की सौगात है लाया।
सँग रंगों की उड़ान है लाया,
होली का त्योहार है आया।
लाल,गुलाबी,नीली,पीली,
रंगों की बरसात है लाया।
ढोल, मंजीरे और मृदंग की,
आवाज चहुँओर गूँजाया।
गुझिया,मालपूए जैसे पकवानों की,
प्यारा-सा स्वाद है चखाया।
सँग रंगों की उड़ान है लाया,
होली का त्योहार है आया।
पिचकारी की बौछारों से,
चहुँओर आनंद है छाया।
गिले-शिकवे भूलकर सब,
आपस में हिल-मिल गले लगाया।
होली का त्योहार है आया,
खुशियों की सौगात है लाया।
सबके मन में उल्लास है छाया,
होली का त्योहार है आया।
आशीष अम्बर
‘शिक्षक’
उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी
केवटी, दरभंगा, बिहार
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