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भूमि पुत्र-अपराजिता कुमारी

 

 

भूमि पुत्र

भारत भूमि के भूमि पुत्र

इस भूमि मिट्टी के जो है संतान,

घर घर की हर थाली में है

हम-सब पर इनका एहसान

वह है इस देश के किसान

बंजर को जो हरा भरा कर दे

अपनी मेहनत से मिट्टी से जो

सोना उपजाए वह है

इस देश के किसान

तपती दुपहरी, गरजते मेंघ

सुखते कुएं, रूठते मॉनसून

उड़ते बादल सब लेते रहते

 हर बार उसका इम्तहान

वह कर्म योगी, वह हठयोगी

अपनी धुन में रहता पक्का

उगाते रहते हमारे पेट की

भूख का सामान, वह है इस

देश का किसान

भूमि पुत्र अन्नदाताओं का

 इस देश की प्रगति में और

 देश की अर्थव्यवस्था में है

 सबसे बड़ा योगदान

वह है इस देश के किसान

 कृषक, भूमि पुत्र, हलधर

 खेतिहर अन्नदाता कुछ भी

 कह लो सब हैं इन्हीं के नाम

 जो है हमारे देश की शान

न धन दौलत न ऐशो आराम

न हैं उनके पास सुख का सामान

न लोभ, न इच्छा न अरमान

वही तो है हमारे देश के किसान

हमारे हर कौर पर है इनका एहसास

वही तो है हमारे देश के किसान।

अपराजिता कुमारी

राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय

 जिगना जगरनाथ

प्रखंड- हथुआ

जिला- गोपालगंज 

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